31.1.09

हम सभी कड़ियाँ है संगठन रुपी जंजीर की

साल भर में युवा मंच के २५ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. संगठन आत्मावलोकन करने जा रहा है तो मेरे मन में विचार आया की क्यो नही एक चिंतन या आत्मावलोकन मैं स्वयं भी करुँ. अपनी व्यवसायिक व्यस्तताओं में हम सभी इतने व्यस्त है की इसे लिपिबद्ध करने का शायद इतना समय न निकाल पायें. किंतु संयोग से आज वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के दिन आज छुट्टी होने से कम से कम मुझे यह सुअवसर प्राप्त हो सका है.

मेरे लिए यह भावनात्मक क्षण है जब मैं याद कर रहा हूँ उन सभी व्यक्तियों को जिनसे मैं इस संगठन में प्रभावित हुआ या जिन्होंने मुझे प्रभावित किया. कुछ नाम और कुछ बातें जो किसी क्रम में नहीं है, जैसे याद आती जायेगी टाइप करता जाऊँगा -
* श्री जीतू भाई - एक शानदार व्यक्तित्व के मालिक इस व्यक्ति से फ़ोन पर पिछले वर्ष सिर्फ़ कुछेक बार बातें हुई, अधिकतर बाढ़ राहत अभियान के सन्दर्भ में ही. पहली बार रांची में अधिवेशन के एक दिन पहले होटल में मुलाकात हुई. इस व्यक्ति में कुछ है जो आपको उनकी तरफ़ खींचता है. अधिवेशन के दौरान उनसे जो भी बातचीत हुई उससे मैं सिर्फ़ एक बात जान पाया की मंच एक सुरक्षित और कुशल हाथों में है. इस व्यक्ति में एक passion है जो मंच को बुलंदियों तक पहुँचाना चाहता है. मेरी शुभ कामनाएं
अंत में एक बात, मैं इनको श्री जीतेंद्र नाथ गुप्ता के नाम से भी संबोधित कर सकता था, लेकिन जीतू भाई नाम में इतनी आत्मीयता है की आपकी तरह मुझे भी इसकी आदत लग चुकी है.

* श्री अनिल के. जाजोदिया - जिस शख्स से मैं सबसे ज्यादा प्रभावित हूँ वो यही हैं. मंच में हर कोई इनकी बहुत इज्जत भी करता है और इन्हे पसंद भी करता है. मुझे ये एक स्वप्न-द्रष्टा की तरह लगते है जो नए-नए सपनों को बुनने में और उसे फलीभूत करने का प्रयास भी करता है. इन्होने राष्ट्रीय अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में संगठन को शिखर तक पहुँचाया. मेरी व्यक्तिगत सोच है की अगर इन्हे अपने सभी पदाधिकारियों का सहयोग कार्य के द्वारा प्राप्त हुआ होता तो इस शख्स में इतिहास लिखने की क्षमता थी. फ़िर भी सिर्फ़ कुछेक पदाधिकारियों के सक्रिय सहयोग से इन्होने शानदार कार्य कर दिखाए.

* श्रीमती सरिता बजाज - बहुत ही भावुक इस महिला ने मेरे इस मिथक को तोड़ दिया की एक महिला मारवाड़ी समाज की किसी सक्रिय संस्था का नेतृत्व नहीं कर सकती. बिहार में हमारे मंच के उनींदे संगठन को न केवल इन्होने झकझोरा अपितु अपने ढाई वर्ष के अब तक के कार्यकाल में चलना सिखा दिया, आशा है की इनके कार्यकाल की समाप्ति तक संगठन दौड़ने भी लगेगा. एक महिला, साथ ही सरकारी नौकरी में होते हुए भी जितने दौरे इन्होने किए हैं, बिहार में शायद ही किसी ने किए होंगे.

* श्री पप्पू भइया - श्री जगदीश चंद्र मिश्र जी को मैंने हमेशा इसी नाम से पुकारा है, और शायद आप ने भी. ये शख्स मेरे लिए हमेशा एक अबूझ पहेली रहे हैं और शायद रहेंगे भी. इनके व्यक्तित्व में काफ़ी कुछ ऐसा है जिस वजह से आप इनसे सम्मोहित हो सकते हैं. किसी भी प्रश्न का त्वरित एवं लाजवाब उत्तर या तो अनिल जी (जाजोदिया) के पास हो सकता है या इनके पास, आज तक और कोई तीसरा व्यक्ति मुझे नही मिला.
इनका स्नेह मुझे सदा प्राप्त रहा. संगठन में इनके जैसे १० व्यक्ति यदि सदा सक्रिय रहें तो शायद हम किसी राज्य सरकार से भी अधिक कार्य करके दिखा सकते है.

* श्री आनंद बजाज - मंच का सदस्य नही होते हुए भी इस शख्स ने मंच को अतुलनीय योगदान दिया है. इस कर्मठ व्यक्ति के जीवट का मैं सदा ही कायल रहा हूँ. जितनी सादगी इनमे है उतने ही आप इनके करीब होते जाते हैं.



जिनकी कार्यशैली ने मुझे खासा प्रभावित किया
* श्री दीपक टीबड़ेवाल (प्रांतीय उपाध्यक्ष, मंडल च)
* श्री अजय टीबड़ेवाल (प्रांतीय सहायक मंत्री, मंडल च)

मंच के प्रति जिनके जुनून को मैं सलाम करता हूँ -
श्री अम्बिका ढंढारिया, प्रांतीय उपाध्यक्ष "घ"
श्री मनीष बुचासिया, प्रांतीय सहायक मंत्री "ख"
श्री दीपक अग्रवाल, प्रांतीय संयोजक, युवा विकास
श्री सुभाष चंद्र वर्मा, प्रांतीय संयोजक
श्री प्रमोद केडिया, प्रांतीय संयोजक
श्री दीपचंद बड़वरिया , प्रांतीय संयोजक
श्री सौरभ नारनोली, प्रांतीय संयोजक (कुछ महीनो से ये रायपुर शिफ्ट हो गए हैं)
श्री संजीव वर्मा, शाखा अध्यक्ष, पटना सिटी (मेरा अनुज)

(बिहार के कुछेक कार्यकर्ता) जिन्हें मैं, मंच का भविष्य मानता हूँ -
श्री मनीष बुचासिया, प्रांतीय सहायक मंत्री "ख"
श्री दीपक अग्रवाल, प्रांतीय संयोजक, युवा विकास
श्री हरीश जिंदल, प्रांतीय सहायक मंत्री "घ"
श्री मनीष चोखानी, प्रांतीय संयोजक
श्रीमती सुनीता अग्रवाल, प्रांतीय संयोजिका
श्री विशाल पचेरिया, सचिव, सहरसा शाखा

जिनसे मैं प्रभावित हूँ -
श्री प्रमोद सर्राफ, नि. राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री
श्री महेश जालान, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
श्री श्याम सोनी, नि. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
श्री रवि अग्रवाल, नि. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
श्री कैलाश तोदी, नि. राष्ट्रीय संयोजक
श्री राज कुमार मुंधरा, नि. राष्ट्रीय सहायक मंत्री
श्रीमती नीरज जैन, नि. राष्ट्रीय संयोजिका
श्री मुकेश खेतान, नि. राष्ट्रीय संयोजक
श्री प्रमोद जैन, नि. राष्ट्रीय संयोजक
श्री आलोक भरतिया, नि. राष्ट्रीय संयोजक
डॉ. संजय अग्रवाल, नि. प्रांतीय अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल
श्री हरीश तुलस्यान, प्रांतीय अध्यक्ष, राजस्थान
श्री रमेश मिश्र, प्रांतीय उपाध्यक्ष "ग"
श्री संदीप जालान, पूर्व प्रांतीय महामंत्री
श्री संजय अग्रवाल "चीकू भइया", संस्थापक अध्यक्ष, पटना सिटी शाखा (मेरी गृह शाखा)
श्री प्रमोद बैद्य, शाखा अध्यक्ष, किशनगंज
श्री विनीत अग्रवाल, प्रांतीय संयोजक एवं शाखा सचिव, किशनगंज
श्री दीपक पोद्दार, शाखा अध्यक्ष, मुजफ्फरपुर
श्री सुमीत चमडिया, प्रांतीय संयोजक एवं शाखा सचिव, मुजफ्फरपुर
श्री अभिषेक केजरीवाल, शाखा अध्यक्ष, झंझारपुर
श्री कन्हैया लाल मावँडिया, शाखा सचिव, नौगछिया
श्री दिनेश शर्मा, शाखा अध्यक्ष, निर्मली
श्री बिनोद मोर, सचिव, निर्मली
श्री राजेश शर्मा, सचिव, झंझारपुर
श्रीमती किरण झुनझुनवाला, पूर्व शाखा अध्यक्ष, गया जागृति शाखा
श्री महेश चाँद, शाखा अध्यक्ष, हसनपुर
श्रीमती सीमा शर्मा, प्रांतीय सह-संयोजिका
श्री रवि प्रकाश सर्राफ, पूर्व शाखा अध्यक्ष, नौगछिया
श्री मनोज जादुका, प्रांतीय सह-संयोजक
श्री कैलाश अग्रवाल, शाखा अध्यक्ष, त्रिवेणीगंज
श्री संजय बूबना, पूर्व शाखा सचिव, पटना सिटी
श्री विकास बैरोलिया, शाखा अध्यक्ष, पटना शाखा
श्री विकेश अग्रवाल, शाखा सचिव, पटना सिटी


फिलहाल मुझे जितने नाम ध्यान आए, मैंने लिख दिए इनमे कुछ नाम छूट गए हो, इसकी पूरी सम्भावना है.
लेकिन फ़िर भी इन सभी को याद करने का मेरा मकसद है अपने १५ वर्ष के मंच के कार्यकाल में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इनसे मिले सहयोग, मार्गदर्शन या प्रेरणा के प्रति अपना आभार ज्ञापित करना.

मैं अपने इस लेख को इस ब्लॉग के मूल वाक्य को समर्पित करता हूँ - मायुम एक संवाद यात्रा (जो मेरे विचारों के इस प्रवाह की भावना भी है)

- अलविदा

: अनिल वर्मा, पटना सिटी